Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -19-Apr-2022 चाय की चुस्कियां

सुबह सुबह गरमा गरम 
एक प्याली चाय की चुस्कियां 
कुछ कुछ वैसी ही होती हैं 
जैसी कि तुम्हारे चेहरे पर 
अठखेलियाँ करती हुईं एक मुस्कान 
जो तरोताजा कर देती हैं 
मेरा तन, मन, जीवन । 
तब दिल दिमाग के दरवाजे
और खिड़कियां खुलने लगते हैं
शरारतें करने के नये नये 
तरीके सूझने लगते हैं । 

कितनी समानताएं हैं ना दोनों में 
एक, नींद भगाती है 
तो दूसरी, होश उड़ाती है । 
एक आलस्य, थकान दूर करती है 
तो दूसरी दिल में प्यार की गागर भरती है । 
ये मुस्कान तब और भी गहरी हो जाती है
जब तुम नशीली आंखों से गहरे घाव देती हो
दोनों की मॉकटेल क्या गुल खिलाते हैं 
ये बस, मेरा दिल ही जानता है 
बेचारा, सुबह सुबह ही 
घायल होकर तड़पने लगता है । 

जब तक तुम्हारे स्पर्श की डोज ना मिले
इस बेचैन दिल को चैन कहाँ से मिले ? 
तुम्हारी बांहों का हार "नाश्ते" का काम करता है
जिस दिन तुम्हारा आलिंगन मिल जाता है
उस दिन जैसे बहारें आ जाती है । 

तुम्हारे हाथ की बनी हुई चाय 
जब तुम अपने मीठे लबों से छुआकर 
उसे शरबती बना देती हो 
तो मैं अमर हो जाता हूं । 
चाय की चुस्कियां और ये मुस्कान 
मुझे चुस्त, दुरुस्त और तंदुरुस्त रखती हैं 
और तुम्हारे बदन की महक ? 
मेरे जीने का एक वही तो सहारा है । 

हरि शंकर गोयल "हरि" 
19.4.22 


   18
26 Comments

Swati chourasia

20-Apr-2022 04:31 PM

Very beautiful 👌

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Apr-2022 06:14 PM

💐💐🙏🙏

Reply

Seema Priyadarshini sahay

20-Apr-2022 03:31 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Apr-2022 06:14 PM

💐💐🙏🙏

Reply

Shrishti pandey

20-Apr-2022 03:15 PM

Nice

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

20-Apr-2022 06:14 PM

💐💐🙏🙏

Reply